प्रयागराज. इलाहाबाद विश्वविद्यालय की पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष और सपा नेत्री ऋचा सिंह के खिलाफ रंगदारी मांगने की एफआईआर कराई गई है। महिला छात्रावास में काम करने वाली फर्म कपूर कंस्ट्रक्शन कंपनी के ठेकेदार संजय कपूर ने एफआईआर दर्ज कराई है। ठेकेदार ने आरोप लगाया है कि ऋचा ने उनसे विश्वविद्यालय में काम करने के एवज में दस परसेंट मांगे। पुलिस का कहना है विवेचना के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
अशोक नगर के रहने वाले संजय कपूर कपूर सीपीडब्लूडी के ठेकेदार हैं। उनकी कपूर कंस्ट्रक्शन कंपनी के नाम से फर्म है। उन्होंने एफआईआर दर्ज कराई है कि उनको पूर्व अध्यक्ष ऋचा सिंह काम नहीं करने दे रही हैं। वह पहले दस परसेंट मांग रही थीं, जिसे नहीं दिया गया। इसकी रिकार्डिंग विश्वविद्यालय को सौंपी जा चुकी है। फर्म महिला छात्रावास में काम कर रही है।
संजय ने आरोप लगाया कि ऋचा महिला उत्पीड़न का आरोप लगाकर काम रुकवा चुकी हैं। चार दिसंबर को सीपीडब्लूडी के इंजीनियर और विश्वविद्यालय के अधिकारियों के सामने काम शुरू किया गया
इंस्पेक्टर एके त्यागी ने बताया कि संजय कपूर की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। विवेचना विश्वविद्यालय चौकी इंचार्ज को सौंपी गई है।
- छात्रसंघ की पूर्व अध्यक्ष ऋचा सिंह ने एफआईआर को फर्जी बताते हुए कहा है कि यह विश्वविद्यालय और जिला प्रशासन की मिलीभगत का नतीजा है। बिना आवाज का नमूना लिए पुलिस ने एकतरफा कार्रवाई की है। जबकि एक दर्जन से अधिक छात्राओं ने यौनाचार के आरोप की तहरीर दे रखी है लेकिन उनके प्रार्थना पत्रों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
ऋचा सिंह ने एसएसपी को पत्र देकर कहा है कि एफआईआर बेजा दबाव बनाने के लिए लिखा गया है। 'हम न दबेंगे न झुकेंगे और आंदोलन को अंतिम परणिति तक पहुंचा कर दम लेंगे चाहे जो हो जाए।