लखनऊ. नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में उत्तर प्रदेश के जिलों में बीते दिनों उग्र प्रदर्शन हुए। इस दौरान 18 लोगों की जान गई, जबकि सैकड़ों लोग घायल हुए। वहीं, सार्वजनिक संपत्तियों में तोड़फोड़ और आगजनी की गई। इस मामले में लखनऊ में पुलिस ने एक्शन शुरू कर दिया है। लखनऊ प्रशासन ने हिंसा में शामिल लोगों की पहचान कर उन्हें नोटिस भेजना शुरू कर दिया है। अभी तक लखनऊ में 82 लोगों को नोटिस दिया गया है। इन सभी को अदालत में हाजिर होकर यह बताना होगा किआखिर हिंसा में चिन्हित होने के बाद उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए?हिंसा के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस व जिला प्रशासन को हिंसा फैलाने वाले आरोपियों पर सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया था। उन्होंने शांति की अपील करते हुए कहा था कि, जो लोग सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचा रहे हैं, उनकी संपत्ति जब्त कर क्षतिपूर्ति करेंगे,. सीएम योगी ने नागरिकता कानून के विरोध में प्रदेश में हुई हिंसा की रिपोर्ट राज्यपाल आनंदीबेन को सौंपी
- अपर जिला मैजिस्ट्रेट ट्रांस गोमती विश्व भूषण मिश्र ने बताया कि, हाईकोर्ट द्वारा रिट याचिका संख्या- 40831/09 मो. सुजाउद्दीन बनाम उत्तर प्रदेश सरकार व अन्य में पारित आदेश के अनुपालन में क्षतिपूर्ति की वसूली की व्यवस्था दी गई है। जिन लोगों को नोटिस जारी किया गया है, उन्हें एक सप्ताह के भीतर न्यायालय में हाजिर होना होगा। बताना हो कि, क्यों न हिंसा के दौरान सार्वजनिक व निजी संपत्ति क्षति का दोषी मानते हुए क्षतिपूर्ति की जाए। बताया कि, इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए एक माह का समय निश्चित है। इसके बाद प्रशासन नियमानुसार वसूली करेगा। जिसमें संपत्ति कुर्क भी हो सकती है।