नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर पुलिस व छात्र आमने-सामने

  • विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों को समझाने का प्रयास करता रहा। इधर हंगामे को देखते हुए एस्कोर्ट अस्पताल के पास से यूनिवर्सिटी और ओखला से जुलेना की ओर आने वाले ट्रैफिक को डायवर्ट कर दिया गया। 
    छात्र केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी के अलावा अधिनियम को वापस लेने की मांग पर अड़े रहे। 
    जामिया विश्वविद्यालय में नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में शुक्रवार को हुए हंगामे व बवाल को देखते हुए यूनिवर्सिटी के आसपास भारी संख्या में पुलिस बल तैनात था। पुलिस को देखकर छात्र भड़कें नहीं, इसलिए एहतियात के तौर पर पुलिस को कैंपस से करीब एक किलोमीटर दूर सराय जुलेना गांव के नजदीक तैनात किया गया था। इसके अलावा कुछ फोर्स को जामिया नगर थाने और सुखदेव विहार के पास भी तैनात रखा गया। 

    वरिष्ठ पुलिस का कहना है कि ऊपर से आदेश है कि छात्रों से नरमी से पेश आना है। इसको ध्यान में रखते हुए पुलिस बल को कैंपस से दूर ही रखा गया। मामले की छानबीन कर रहे वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पूरे हालात पर नजर बनाए हुए हैं।
    दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि छात्रों के अलावा कुछ लोग भीड़ में घुसकर छात्रों को उकसा रहे हैं। पुलिस ऐसे लोगों पर नजर बनाए हुए है। शुक्रवार को हिरासत में लिए गए सभी छात्रों को देर शाम छोड़ दिया गया था। बवाल के दौरान घायल हुए  पुलिसकर्मियों को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई। 

    गंभीर रूप से घायल दो पुलिसकर्मियों की तबीयत में पहले से सुधार है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का कहना है कि शनिवार शाम को हुए हंगामे के दौरान छात्रों को समझाकर उन्हें हटाने के प्रयास किए गए। असामाजिक तत्वों की पहचान की जा रही है। डीसीपी चिन्मय बिश्वाल का कहना है कि शुक्रवार को जो हंगामा हुआ था, उसका मामला दर्ज नहीं किया गया है, छानबीन की जा रही है। वहीं डीसीपी ने घायल पुलिसकर्मियों का हालचाल लिया।

    शुक्रवार को नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर पुलिस व छात्र आमने-सामने आ गए थे। छात्रों के पथराव करने पर पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर आंसू गैस के गोले दागे थे।
    जामिया के पीआरओ अहमद अजीम का कहना है कि पहली बात तो यही है कि प्रदर्शन विश्वविद्यालय परिसर में नहीं हुआ था और दूसरे वह जामिया का भी नहीं था। उस विरोध-प्रदर्शन में बड़ी संख्या में स्थानीय लोग शामिल रहे। हमने इस बारे में छात्रों से बात की है और अब वे शांतिपूर्वक विरोध प्रकट कर रहे हैं। 


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