प्रयागराज. बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के नेत्र विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉक्टर राजेंद्र प्रकाश मौर्य को इलाहाबाद हाइकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाइकोर्ट ने मौर्य की नियुक्ति रद्द करने संबंधी बीएचयू के कुलपति के आदेश पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने इस मामले में सभी पक्षकारों से 5 सप्ताह में जवाब तलब किया है। यह आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने दिया है।
- याची डॉ. राजेंद्र का कहना है कि विश्वविद्यालय के चिकित्सा संकाय में विभिन्न पदों पर एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर की नियुक्ति का विज्ञापन 6 फरवरी 2014 को निकाला गया। कुछ अभ्यर्थी जो परीक्षा में सफल नहीं हो सके उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर विज्ञापन को चुनौती दी। जिस पर हाईकोर्ट ने 17 फरवरी 2014 को विज्ञापन रद्द कर दिया।
याची के अधिवक्ता ने कहा- नेत्र विभाग में सहायक प्रोफेसर के पद को चुनौती नहीं दी गई थी। याची की नियुक्ति नेत्र विभाग में सहायक प्रोफेसर के पद पर हुई है। जबकि याचिका में एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर की नियुक्तियों को चुनौती दी गई थी। याची कभी भी उस याचिका में पक्षकार नहीं था और न ही उसकी नियुक्ति रद्द करने से पहले उसका पक्ष जानने का कोई प्रयास किया गया। विश्वविद्यालय ने उसे अपना पक्ष रखने का कोई अवसर नहीं दिया। कोर्ट ने प्रकरण को विचारणीय मानते हुए कुलपति के आदेश पर रोक लगा दी है तथा सभी पक्षकारों को 5 सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।