नई दिल्ली, । सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले में अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर दिया है। प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता में पांच जजों की पीठ ने चैंबर में इन पुनर्विचार याचिकाओं पर विचार किया और इन्हें सुनवाई योग्य नहीं पाकर खारिज कर दिया।
- पीठ में अन्य जज हैं-जस्टिस डीवाय चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस एसए नजीर और जस्टिस संजीव खन्ना। पीठ ने केवल उन्हीं लोगों की पुनर्विचार याचिकाओं पर विचार किया, जो अयोध्या विवाद में शुरूआत में दाखिल चार मुकदमों में मूल पक्षकार रहे हैं।
अयोध्या फैसले पर पुनर्विचार के लिए कुल 18 याचिकाएं दाखिल की गई थीं। इनमें से नौ याचिकाएं उन पक्षों ने दाखिल की थीं जो इससे जुड़े मामले में मूल पक्षकार रहे हैं और अन्य नौ याचिकाएं तीसरे पक्ष ने दाखिल की थीं। सुप्रीम कोर्ट ने मूल वाद में शामिल नहीं रहे तीसरे पक्षकारों की नौ याचिकाओं को सुनने से इनकार कर दिया। तीसरे पक्ष में 40 जानेमाने लोग भी शामिल थे जिन्होंने संयुक्त रूप से फैसले की समीक्षा की मांग के लिए पुनर्विचार याचिका दायर की थी।