अयोध्या को विश्वस्तरीय नगरी बनाने के लिए योगी सरकार के कई ड्रीम प्रोजेक्ट अधर में लटके तीन साल बाद भी सरकार मूर्ति स्थापित करने के लिए जमीन नहीं तलाश सकी है।

 



अयोध्या. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2017 में सत्ता में आते ही अयोध्या में व्यापक स्तर पर दीपावली उत्सव मनाने की शुरुआत की थी। पहले कार्यक्रम में सीएम ने घोषणा की थी कि अयोध्या में सरयू नदी के तट पर 251 मीटर ऊंची भगवान श्रीराम की प्रतिमा लगाई जाएगी, जो विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा होगी। सीएम की घोषणा को तीन साल बाद भी सरकार मूर्ति स्थापित करने के लिए जमीन नहीं तलाश सकी है।


प्रदेश के पर्यटन राज्य मंत्री नीलकंठ तिवारी ने हाल ही में अयोध्या की विकास योजनाओं का निरीक्षण किया था। उन्होंने स्वीकार कियाकि भगवान श्रीराम प्रतिमा का स्थल तय नहीं हो पाया है। तकनीकी दिक्कतों को लेकर विशेषज्ञ टीम मंथन कर रही है। 4 स्थानों पर चर्चा चल रही है। मीरपुर माझा में इस प्राजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण का नोटिफिकेशन हो चुका है। माझा बरहटा व जमथरा इलाके की जमीन का भी प्रस्ताव शासन को भेजा गया है।


कोरियाई रानी हो के पार्क काविस्तार प्रोजेक्टको लेकर भारत कोरिया गणराज्य के बीच 4 साल से मंथन चल रहा है। कई बार कोरिया की तकनीकी टीम अयोध्या में आकर निरीक्षण कर चुकी है, पर अभी भी योजना जमीन पर नहीं उतर सकी है।  इसके लिए अभी तक जमीन उपलब्ध नहीं कराई गई है। सरयू तट पर जहां यह योजना प्रस्तावित है, वहां पर्यटन विभाग का यात्री निवास होटल है, जिसके ध्वस्तीकरण की फाइल सरकार के पास विचाराधीन है।


योगी ने सरयू तट पर राम की पैड़ी का विकास हरिद्वार के हर की पैड़ी की तरह करने की योजना बनाई थी। अविरल सरयू धारा प्रवाह के स्वरूप में लाने की डेड लाइन सिंचाई विभाग को तीसरे दीपोत्सव तक दी गई थी। सीएम के सख्त आदेश को देखते हुए अधिकारियों ने चंद दिनों के लिए पैड़ी में जल प्रवाह भी करवा दिया था। लेकिन, उसके बाद पैड़ी में सिल्ट इस तरह जमा हुई कि धारा का प्रवाह ही बंद हो गया। चौधरी चरण सिंह घाट तक राम की पैड़ी के नहर का निर्माण और इसके दोनों तरफ पैड़ी की तरह पक्के घाट के निर्माण का ऐलान सीएम योगी आदित्यनाथ ने किया था, पर काम धीमी गति से ही हो रहा है। पैड़ी में सरयू की धारा का प्रवाह दीपोत्सव के बाद से ही बंद है


केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री ने अयोध्या में गैस पाइपलाइन से कुकिंग गैस सप्लाई करने की योजना का ऐलान किया था। इस पर भी कोई प्रगति नहीं दिख रही है। अयोध्या से जनकपुर तक की बस सेवा का उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी ने जनकपुर में किया था, जिसका स्वागत अयोध्या में किया गया था। यह बस सेवा अभी तक नियमित रूप से नहीं चल सकी है। अयोध्या नगर निगम के गठन के बाद शहर को स्वच्छ बनाने के लिए सीवर लाइन बिछाने का काम शुरू किया गया था,लेकिनयह काम भी अभी अधूरा पड़ा है।



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