लखनऊनागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के विरोध में घंटाघर पर शुक्रवार से चल रहे महिलाओं के प्रदर्शन का दायरा बढ़ता जा रहा है। जहां प्रशासन को उम्मीद थी कि सोमवार को सप्ताह का पहला दिन होने की वजह से महिलाएं वापस लौट सकती हैं, वहीं जमीनी हकीकत कुछ और ही देखने को मिली। सोमवार सुबह भी महिलाएं धरने पर बैठी रहीं। हैरान करने वाली बात तो यह है कि कमिश्नरेट सिस्टम लागू होने के बाद पहली बार लखनऊ में शनिवार को ही धारा144 लगाई गई है, बावजूद इसके घंटाघर पर रविवार को लगातार नेताओं का आना-जाना लगा रहा। एनबीटी ऑनलाइन से बातचीत में डीसीपी वेस्ट अरुण कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि पुलिस धारा 144 को लेकर संभावित योजनाओं पर काम कर रही है।
इससे पहले रविवार को कई इलाकों से महिलाएं और बच्चे प्रदर्शन में शामिल होने पहुंचे। रविवार की छुट्टी के कारण स्कूली छात्राएं भी यहां पहुंची। वहीं, पुलिस ने पूरे इलाके में छावनी में तब्दील रखा। इस दौरान कुछ महिला प्रदर्शनकारियों ने महिला पुलिसकर्मियों को गुलाब के फूल दिए। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि वे ऐसा इसलिए कर रही हैं, ताकि पुलिस-प्रशासन को यह पता चले कि उनका प्रदर्शन शांतिपूर्ण है।