नई दिल्ली. मोदी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में मंत्रिमंडल में पहले बड़े फेरबदल की तैयारी में है। इससे पहले प्रधानमंत्री कार्यालय सभी मंत्रालयों की समीक्षा करेगा। कैबिनेट और स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री 6 से 8 जनवरी तक अपना रिपोर्ट कार्ड पेश करेंगे। मंत्रालयों के सचिवों को तय विषयों पर आंकड़ों के साथ प्रेजेंटेशन तैयार करने काे कहा गया है। मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा की 15 दिन में यह दूसरी कवायद है। प्रधानमंत्री ने 21 दिसंबर को छह-छह मंत्रियों के ग्रुप में समीक्षा की थी। करीब 9 घंटे की उसी समीक्षा बैठक में 15 दिन के भीतर व्यापक मूल्यांकन की तैयारी के निर्देश दिए गए थे।
अगर शीर्ष पांच मंत्रालयों में कोई बदलाव करना है तो 10 से 20 जनवरी का समय उपयुक्त है। इसके बाद वित्त समेत कई अन्य मंत्रालयों में बदलाव व्यावहारिक नहीं हो सकेगा। मंत्रियाें के काम की समीक्षा से पहले शुक्रवार शाम मंत्रिपरिषद की बैठक हुई। शनिवार सुबह भी 10 बजे बैठक हाेनी है।
- साल के अंत में बिहार में विधानसभा चुनाव है। वहां जदयू के साथ सत्तारूढ़ भाजपा नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री चेहरा घोषित कर चुकी है। जदयू ने मई में केंद्र में सिर्फ एक मंत्री पद लेने से इनकार कर दिया था। माना जा रहा है कि जदयू काे एक कैबिनेट दाे राज्य मंत्री पद दिए जा सकते हैं। राज्यसभा के उपसभापति जदयू के डाॅ. हरिवंश का कार्यकाल अप्रैल में खत्म हाे रहा है। उन्हें इस पद पर बरकरार रखने पर भी सहमति बन चुकी है। इसके अलावा लाेकसभा के उपाध्यक्ष का पद कांग्रेस काे दिया जा सकता है। वहीं, शिवसेना द्वारा खाली किया गया कैबिनेट मंत्री का एक पद अन्नाद्रमुक के खाते में जा सकता है।