नई दिल्ली, स्कूलों में प्रवेश के लिए अनाथ बच्चों को शिक्षा के अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत वंचित वर्ग में शामिल करने की मांग संबंधी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केंद्र और राज्य सरकारों से जवाब तलब किया है।
प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने पौलोमी पाविनि की जनहित याचिका पर केंद्र और राज्य सरकारों से चार हफ्ते के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है। याचिका में मांग की गई है कि अनाथ बच्चों को वंचित वर्ग में शामिल करने के लिए राज्य सरकारों को अधिसूचना जारी करने के निर्देश दिए जाने चाहिए।
पाविनि ने दलील दी, 'दिल्ली सरकार ने सरकारी गृहों में अनाथ बच्चों को आरटीई के तहत प्रवेश देने के लिए विशेष तौर पर अधिसूचना जारी की है। अन्य राज्यों को भी निर्देश दिए जाने चाहिए, अगर आदेश पारित नहीं हुआ तो वे इस साल भी प्रवेश से वंचित रह जाएंगे।'
याचिका में आरोप लगाया गया है कि केंद्र और राज्य सरकारें वर्षो तक 2.5 करोड़ अनाथ बच्चों के लिए पुनर्वास योजना लागू करने में विफल रहीं जो लगातार मुश्किल जीवन जी रहे हैं और कोई उनकी देखभाल करने वाला नहीं है।