प्रयागराज. गंगा, यमुना व अदृश्य सरस्वती के संगम की नगरी प्रयागराज में वर्ष 2019-20 का कल्पवास पौष पूर्णिमा यानी 10 जनवरी से शुरू हो जाएगा। कल्पवासियों का आना प्रारंभ हो गया है। लेकिन माघ मेले की तैयारियां अभी आधी अधूरी हैं। कल्पवासियों, साधु-संतों और अन्य श्रद्धालुओं के साथ व्यापारी तबके के लोग भी आधी अधूरी तैयारियों के बीच माघ मेले में जुटने लगे हैं। वह भी तब जबकि मुख्यमंत्री से लेकर स्थानीय प्रशासन तक इस माघ मेले को कुम्भ मेले की तर्ज पर कराने का दावा कर चुके हैं।
मेला शुरू होने में मात्र 2 दिन का समय बाकी है। 7 जनवरी को माघ मेला प्रशासन ने मेला क्षेत्र में बनाए गए पांच पांटून पुलों में से तीन पर आवागमन बंद कर दिया है। जिसकी वजह यह बताई गई है कि गंगा में प्रवाह अधिक होने की वजह से पीपा के पुलों के बहने का डर है। ऐसी व्यवस्था के बीच श्रद्धालुओं को मुसीबत से रूबरू होना तय है। गंगा की तेज धारा की वजह से हो रही कटान और दलदली जमीन के चलते इस बार अधिकांश मेला झूसी क्षेत्र में बसाया गया है। जहां तक जाने के लिए पांटून पुल ही एकमात्र सहारा है। ऐसे में श्रद्धालुओं साधु-संतों और अन्य लोगों को अपने तपस्थल पर पहुंचने के लिए पांटून पुलों की ज्यादा जरूरत पड़ रही है, लेकिन प्रशासन ने 7 जनवरी को 3 पुल बंद करके श्रद्धालुओं की मुसीबत बढ़ा दी है।मंगलवार से पंडो, तीर्थ पुरोहितों और साधु-संतों के शिविरों में श्रद्धालु और अधिक संख्या में पहुंचने लगे। बुधवार को प्रदोष व्रत होने की वजह से संगम स्नान करने वालो की संख्या और बढ़ने की उम्मीद से ज्यादा होने की आशंका है। करीब ढाई हजार बीघे में रैली तंबुओं की नगरी में फिलहाल बिजली, पानी से लेकर पांटून पुल और चकर्ड प्लेटों के बिछाने का कार्य भी अभी अधूरा है। रास्ते पर चकर्ड प्लेट न बिछाए जाने की वजह से श्रद्धालुओं को वहां तक पहुंचने में ज्यादा दिक्कत होगी। प्रयागवाल तीर्थ पुरोहित महासभा के अध्यक्ष राजेंद्र पालीवाल ने बताया कि अभी 100 से अधिक तीर्थ पुरोहितों को जमीन ही नहीं मिली है। जहां शिविर लग भी गए हैं, वहां अभी बिजली पानी की व्यवस्था ही नहीं है। ऐसे में अगर जल्द इंतजाम पूरे नहीं किए गए तो श्रद्धालुओं की मुश्किलें बढ़ना तय हैं।
- माघ मेले में प्रमुख स्नान पर्वों पर निगरानी के लिए मजिस्ट्रेटो की तैनाती की गई है। स्नान पर्वों के 2 दिन पहले और 2 दिन बाद तक खास सतर्कता बरती जाएगी। इस दौरान यातायात व्यवस्था भी लागू रहेगी। डीएम भानु चंद्र गोस्वामी ने मंगलवार को तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने बताया कि पुल, होल्डिंग स्थल, पार्किंग, घाट कंट्रोल रूम, हॉस्पिटल, अस्थाई बस स्टेशनों आदि स्थानों पर मजिस्ट्रेटो की तैनाती की गई है। उन्होंने अफसरों से अपने-अपने क्षेत्रों का भ्रमण करने का निर्देश दिया है। मजिस्ट्रेटो को पुलिस के साथ सामंजस्य बनाकर एवं नियंत्रण में लगी संस्थाओं के प्रतिनिधियों को अस्पताल, रोडवेज, अस्थाई बस स्टेशन, आदि की पूरी जानकारी रखने को कहा गया है, ताकि दूरदराज से अनभिज्ञ श्रद्धालुओं को सही जानकारी दी जा सके।