राजनीति में किसी की किस्मत तय नहीं होती है। भारतीय जनता पार्टी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय, आर्थिक मामलों पर पकड़ रखने वाले गोपालकृष्ण अग्रवाल और दिल्ली के प्रभारी, केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर की टीम के सदस्यों को एक्जिट पोल के बाद से ही यह उम्मीद थी कि चुनाव नतीजे उनके लिए सम्मानजनक रहेंगे। भाजपा के ही एक अन्य रणनीतिकार ने दिल्ली के विधानसभा चुनाव में भाजपा के प्रचार अभियान को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की स्मार्ट पालिटिक्स का हिस्सा बताया है। भरपूर प्रयास के बाद भी 15 जनवरी तक दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा का पक्ष खड़ा नहीं हो पा रहा था। अनाधिकृत कालोनियों के नियमितीकरण के मुद्दे पर भाजपा का दांव बहुत कारगर नहीं रहा। भाजपा में दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी बहुत प्रभावी नहीं हो पाए और न ही पार्टी के पास विधानसभा चुनाव का चेहरा था कुल मिलाकर दिल्ली विधानसभा चुनाव का पूरा माहौल आम आदमी के पक्ष में और एक तरफा बनता जा रहा था। बताते हैं ऐसी स्थिति में पार्टी के तत्कालीन अध्यक्ष ने पूरे होमवर्क के साथ कुछ बड़े फैसले लिए। उनके इस निर्णय को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का पूरा समर्थन था।
दिल्ली विधानसभा चुनाव,राजनीति में किसी की किस्मत तय नहीं होती है।