नई दिल्ली. दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 की तस्वीर साफ हो चुकी है। मुख्य मुकाबला भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच होने का अनुमान था। नतीजों ने इस अनुमान को हकीकत में बदल दिया। आप ने 62 और भाजपा ने 8 सीटें जीतीं। कांग्रेस का लगातार दूसरे विधानसभा चुनाव में खाता तक नहीं खुला।
दिल्ली में 70 विधानसभा और 7 लोकसभा सीटें हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने लोकसभा की सभी सात सीटें अपने खाते में दर्ज की थीं। इस दौरान 65 विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा आगे रही थी। दूसरे स्थान पर कांग्रेस थी।
लोकसभा चुनाव 2019 से ही तुलना करें तो अगर भाजपा 65 विधानसभा सीटों पर आगे थी तो कांग्रेस ने भी पांच विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त बनाई थी। ये पांच सीटें थीं- चांदनी चौक, मटिया महल, बल्लीमारान, सीलमपुर और ओखला। खास बात यह है कि कांग्रेस इन पांच सीटों में से तो क्या पूरी दिल्ली विधानसभा में एक भी सीट नहीं जीत सकी।
2015 चुनाव में मुस्तफाबाद सीट भाजपा के जगदीश प्रधान ने जीती थी। इस बार भी पार्टी ने प्रधान को ही उम्मीदवार बनाया। हालांकि, वो जीत दोहरा नहीं सके। जगदीश को आम आदमी पार्टी के हाजी यूनुस के हाथों 20704 वोटों से हार का सामना करना पड़ा।