जामिया नगर के दंगों में जेएनयू के छात्र शरजील इमाम की भूमिका सामने आने के बाद उसे एक दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया था। दोबारा साकेत कोर्ट ने उसे 3 मार्च तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
13 दिसंबर को हुई हल्की-फुल्की पत्थरबाजी से शरजील खुश नहीं था। उसने 13 दिसंबर को जामिया नगर में दो बार भड़काऊ भाषण दिया था। वह शाहीन बाग में 15 दिन से ज्यादा तक रहा था। दिल्ली पुलिस की एसआईटी ने उसकी आवाज के सैंपल ले लिए हैं।
अपराध शाखा के एक अधिकारी ने बताया कि शरजील 13 दिसंबर को सुबह जामिया नगर पहुंच गया था। उसने जामिया नगर में दोपहर को भाषण दिया। शाम को उसने फिर भड़काऊ भाषण दिया। इससे लोग भड़क उठे। उन्होंने पुलिस पर काफी देर तक पथराव किया था।
13 दिसंबर के दंगे की एफआईआर जामिया नगर थाने में दर्ज है। शरजील 14 दिसंबर को भी जामिया नगर आया था। 15 दिसंबर को उसने शाहीन बाग में भड़काऊ भाषण दिया। पुलिस अधिकारी मान रहे हैं कि शरजील के शाहीन बाग में दिए भड़काऊ भाषण की वजह से 15 दिसंबर को जामिया नगर में दंगे हुए थे। हालांकि उस दिन वह जामिया नगर में नहीं था। वह रात में जेएनयू चला गया था।
साकेत कोर्ट ने शरजील इमाम को 3 मार्च तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।