सिलेंडर बम का तार काट सभी बच्चों की जान बचाने वाली 14 साल की अंजलि को 51 हजार रुपए का चेकदेकर सम्मानित किया।

लखनऊ.मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश केफर्रुखाबाद जिले में हत्या के दोषी सुभाष बाथम द्वारा बंधक बनाए गए 23 बच्चों अपने आवास पर एक कार्यक्रम के दौरान पुरस्कृत किया। इन बच्चों को पुलिस ने आठ घंटे की मशक्कत के बाद बाथम के घर में बने तहखाने से मुक्त कराया था। वहीं योगी ने इस कांड में सिलेंडर बम का तार काट सभी बच्चों की जान बचाने वाली 14 साल की अंजलि को 51 हजार रुपए का चेकदेकर सम्मानित किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बीटपुलिस लोगों की सुरक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहती है लेकिन आम लोगों को भी अपनी सुरक्षा को लेकर हमेशा सतर्क रहने की जरूरत है


आदित्यनाथ ने फर्रुखाबाद के बच्चों को खिलौने देकर सम्मानित किया। इस मौके पर स्कूल बैग और किताबें भी दीं। मुख्यमंत्री योगी इस मौके पर बहादुर सिपाहियों जिन्होंने इन बच्चों को सिरफिरे सुभाष बाथम के चंगुल से छुड़ाया था उन्हें भी पुरस्कृत किया। पूरी टीम को 10 लाख रुपए का पुरस्कार दिया गया।


इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा, ''जिस टीम ने सफलतम ऑपरेशन को अंजाम दिया। देश के भीतर चिंता व्यक्त की जाने लगी थी। इस मामले पर पीएम ने भी हमसे बात किया।उन्होंने हमसे कहा कि भारत सरकार की तरफ से जिस तरह मद्द चाहिये मिलेगी।गृहमंत्री का भी फोन आया औरआधे घंटे के भीतर एनएसजी की सहमति मिल गईथी।


सीएम ने कहा किइस घटना के बाद हमें और सतर्क रहने की जरूरत है। सिरफिरे व्यक्ति ने अपने घर मे बेसमेंट बनाया था। घर मे कोई खिड़की नहीं थी।उसने आपराधिक मानसिकता के साथ अपना घर बनाया था। पुलिस के साथ ही आम लोगों को भी अपनी सुरक्षा के लिए सतर्क रहना चाहिए और अपने घर के आसपास इस तरह के संदिग्ध निर्माण पर पैनी नज़र रखनी चाहिए।


फर्रुखाबाद जिले के करथिया गांव में 30 जनवरी को बेटी के जन्मदिन की पार्टी के नाम पर सुभाष बाथम ने 23 बच्चों को घर बुलाकर बंधक बना लिया था। बाथम ने बच्चों को करीब 11 घंटे तक उन्हें तहखाने में बंद रखा था। बाद में पुलिस ने मुठभेड़ में बाथम को मार गिराया था। उसी दौरान भागने का प्रयास कर रही बाथम की पत्नी रूबी को ग्रामीणों ने पकड़कर पीट दिया था। इसमें उसकी मौत हो गई। अभियान में सभी बच्चों को सुरक्षित बचा लिया गया था।


आईजी कानपुर मोहित अग्रवाल ने बताया कि, सुभाष बाथम ने तहखाने में 15 किलो बारूद से भरा सिलिंडर बम रखा था। यहीं पर सभी बच्चे बंधक बने थे। तभी 14 साल की अंजलि ने सिलिंडर बम के तार को दांतों से काट दिया था। इससे बड़ी घटना टल गई थी। बंधक बनाए गए बच्चों में कई कम उम्र के बच्चे शामिल थे। सुभाष की क्रूरता का डर उनके भीतर समा गया था। इस दौरान अंजलि ने इन बच्चों का हौसला बढ़ा हिम्मत बंधाई थी। तभी बच्चे धैर्य से बैठे रहे थे। आईजी मोहित अग्रवाल ने आरोपी दंपती सुभाष बाथम व रूबी की सालभर की अनाथ बेटी गौरी की परवरिश की जिम्मेदारी लेने का निर्णय लिया है।


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